गंभीर वर्ल्ड कप में शतक पूरा नहीं कर पाने के लिए धौनी को कसूरवार मानते हैं


नई दिल्ली। 2011 के विश्व कप में भारत की जीत क्रिकेट इतिहास का यादगार लम्हा था। 28 साल बाद भारत दूसरी बार विश्व कप जीत रहा था। महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में 2007 में भारत ने टी-20 का वर्ल्ड कप जीता। भारत चाहता था कि वनडे क्रिकेट का दूसरा खिताब भी भारत को मिले। टी-20 और 50 ओवर के टूर्नामेंट में एक बात कॉमन रही। दोनों ही टूर्नामेंट में गौतम गंभीर टॉप स्कोरर थे, लेकिन 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब किसी और को मिल गया और उनकी परफॉर्मेंस हाशिये पर चली गई। आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 में गौतम गंभीर ने 97 रन बनाए, वह शतक बनाने से तीन रन से चूक गए। अब गौतम गंभीर ने अपने इस शतक को पूरा नहीं हो पाने के लिए पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को जिम्मेदार बताया है।


लाइव हिन्दुस्तान के अनुसार आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल में गौतम गंभीर ने 75 रन की पारी खेली। इरफान पठान ने 16 रन देकर 3 विकेट लिए थे। 2011 में धौनी के नाबाद 91 रनों की बदौलत भारत ने आईसीसी वर्ल्ड कप का खिताब एक बार फिर से अपने नाम किया। दोनों वर्ल्ड रिकॉर्ड में महेंद्र सिंह धौनी की परफॉर्मेंस शानदार रही। गौतम गंभीर ने भी बेहतरीन परफॉर्म किया, लेकिन 2011 के वर्ल्ड कप में शतक पूरा नहीं कर पाने के लिए वह धौनी को कसूरवार मानते हैं।


गौतम गंभीर ने 'द लल्लनटॉप' को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ''2011 के वर्ल्ड कप के फाइनल में धौनी की रोटेशन की पॉलोसी की वजह से वह शतक पूरा नहीं कर पाए थे।'' उन्होंने कहा, ''मैं हर युवा खिलाड़ी को बताना चाहता हूं कि 97 रन बनाने से पहले तक मैंने शतक के बारे में सोचा भी नहीं था। मेरा ध्यान श्रीलंका द्वारा दिए गए टारगेट पर था। मुझे याद है जब ओवर खत्म हुआ तो मैं और धौनी क्रीज पर थे।''गंभीर ने आगे कहा, ''धौनी ने मुझसे कहा कि तुम तीन रन बना लो और अपना शतक पूरा करो।'' गंभीर ने कहा, ''यदि धौनी ने मुझे शतक का याद न दिलाया होता तो मैं आसानी से शतक पूरा कर लेता। लेकिन शतक बनाने के चक्कर में मैंने थिसारा परेरा की गेंद पर रैश शॉट खेला और अपनी विकेट गंवा दी।


 धौनी ने पारी जारी रखी और कुलाशेखर की गेंद पर छक्का लगाकर टीम को विश्व कप जितवा दिया।''पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने कहा, ''इसलिए जब मैंने तीन रन बनाकर अपना शतक पूरा करने की सोची तो मेरे भीतर हलचल शुरू हो गई। मैं आउट हो गया। इसलिए क्रिकेटर को हमेशा वर्तमान पर नजर रखनी चाहिए। जब मैं आउट होकर ड्रेसिंग रूम की तरफ जा रहा था तो मैंने खुद से कहा था कि ये तीन रन मुझे हमेशा परेशान करेंगे।''