भोपाल। मप्र के विवेक प्रसाद को अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने सोमवार को साल 2019 के लिए राइजिंग स्टार ऑफ द ईयर चुना है। 19 साल के विवेक ने अर्जेंटीना के मैको कैसेला और ऑस्ट्रेलिया के ब्लेक गोवर्स को पीछे छोड़ा। कैसेला दूसरे और गोवर्स तीसरे स्थान पर रहे। वोटिंग में विवेक को कुल 34.5 फीसदी वोट मिले। जबकि कैसेला को 22 फीसदी वोट और गोवर्स को 20.9 फीसदी वोट मिले।
दैनिक भास्कर के अनुसार अवॉर्ड मिलने के बाद मिडफील्डर विवेक सागर प्रसाद ने दैनिक भास्कर से कहा- मैं बहुत खुश हूं। यह अवॉर्डी अपनी टीम के साथियों को डेडिकेट करूंगा, क्योंकि उनके बिना यह संभव नहीं था। एफआईएच को धन्यवाद कहूंगा, उन्होंने मुझे नॉमिनेट किया और इसके काबिल समझा। हॉकी इंडिया और हॉकी प्रेमियों को भी थैंक्स कहूंगा। जिन्होंने मुझे इतना प्यार दिया। यह अवॉर्ड मेरे लिए प्रेरणादायक सिद्ध होगा। मैं अपने प्रदर्शन को बरकरार रखना चाहूंगा और आने वाले मैचों में और अच्छा करने का प्रयास करूंगा। ओलिंपिक की तैयारियों पर विवेक कहते हैं कि टीम अच्छा कर रही है लेकिन ओलिंपिक में पदक जीतने के लिए हमें और बेहतर करना होगा। हमने कई मैचों में बड़ी टीमों को मात दी है। हम प्रयास करेंगे कि ओलिंपिक पोडियम फिनिश करें और देश को पाइड फील कराएं। पदक पर वे कहते हैं कि पहले से प्रिडिक्ट करना ठीक नहीं है क्योंकि हर टूर्नामेंट अलग होता है। ओलिंपिक तो बहुत बड़ा टूर्नामेंट है।
अभी हम अपनी गलतियों पर फोकस कर उन्हें सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। विवेक ने मप्र पुरुष हॉकी अकादमी भोपाल में अपने खेल को निखारा है। उनकी प्रतिभा को अशोक कुमार ने पहचाना था। वे 2014 से 17 तक अकादमी में रहे हैं फिर उन्हें नेशनल अकादमी के लिए चुना गया। फिर 2018-19 में विवेक ने मप्र अकादमी में वापसी की। लेकिन भारत पेट्रोलियम में जॉब लगने के बाद उन्हें अकादमी छोड़नी पड़ी। विवेक इटारसी के पास स्थित गांव शिवनगर चांदौन के रहने वाले हैं।
विवेक ने अपनी सफलता की इबारत महज दो सालों में लिखी है। वे जनवरी 2018 में चार देशों के आमंत्रण टूर्नामेंट में कदम रखा था तब वह भारत की राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने थे। तौरंगा (न्यूजीलैंड़) में हुए इस मैच में दो रिकॉर्ड बने थे। पदार्पण मैच में जापान पर 6-0 की जीत में विवेक ने दो गोल दागे थे। वे संदीप सिंह के बाद भारतीय राष्ट्रीय टीम से खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। संदीप ने 17 साल 341 दिन की आयु में खेला। जबकि विवेक ने 17 वर्ष 352 दिन में। अभी तक 58 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 15 गोल मारने वाले मिडफील्डर विवेक टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी बन रहे हैं। जूनियर स्तर पर विवेक ने 20 मैचों में 26 गोल दागे हैं। उन्होंने जून 2018 ब्रेड़ा चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में गोल मारा था। हाल ही में बेल्जियम के खिलाफ भुवनेश्वर प्रो-लीग में भी गोल किया। साथ ही सुलतान अजलान शाह कप- 2019 में भारत उपविजेता रहा था, उसमें विवेक ने दो गोल किए थे। एफआईएच सीरीज फाइनल्स और ओलिंपिक क्वालीफायर्स में भी वे टीम का हिस्सा थे। सीरीज फाइनल्स के फाइनल में भारत ने द. अफ्रीका को 5-1 से हराया। विवेक ने फाइनल में एक गोल किया था। -आंकड़े: बीजी जोशी.