कोरोना: पूरी दुनिया में खेल से जुड़ी अर्थ व्यवस्थाएं चरमराई 


चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस ने आज पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया है। इसको लेकर जनसत्ता ने एक लेख प्रकाशित किया है। संदीप भूषण द्वारा लिखे गए इस लेख में कोरोना से खेल जगत में आए संकट के बारे में बताया गया है। संदीप ने लिखा है कि कोरोना विषाणु से संक्रमित मामलों की बढ़ती संख्या ने विश्व युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है। 1,80,000 से ज्यादा लोग अब तक कोविड-19 की चपेट में आ गए हैं। अकेले भारत में विषाणु से संक्रमित लोगों की संख्या सौ के आंकड़े को पार कर चुकी है। खेल जगत भी इससे बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। भारत के अलावा दुनियाभर में कई टूर्नामेंट या तो रद्द कर दिए गए या कुछ समय के लिए टाल दिए गए हैं। इससे पूरी दुनिया की खेल से जुड़ी अर्थ व्यवस्था चरमरा गई है। काफी तेजी से बढऩे वाला खेल बाजार आज पूरी तरह ठप हो गया है। सबसे ज्यादा कमाई वाली बास्केटबॉल लीग हो या फुटबॉल, सभी के टूर्नामेंट बंद हैं। भारत में सबसे ज्यादा कमाई वाली टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग को भी स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में खेल अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान का सही आंकड़ा तो बाद में आएगा। लेकिन 2020 में खेल गतिविधियों से होने वाले मुनाफे को लेकर जो अनुमान लगाए गए थे उस पर ही गौर करें तो अर्थव्यवस्था को लगने वाले धक्के का अंदाज लग जाता है।
उन्होंने आगे लिखा है कि चीन के वुहान से जब कोरोना विषाणु का पहला मामला सामने आया था तब कोई नहीं जानता था कि यह इतना विकराल स्वरूप लेगा। दिसंबर में पहले मामले से 11 मार्च 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन के इसे महामारी घोषित करने तक लगभग डेढ़ लाख लोग इसकी चपेट में आ गए। डब्लूएचओ के निर्देश के बाद कई बड़े खेल टूर्नामेंटों को टालने या रद्द करने का फैसला लिया गया। कुछ ऐसे टूर्नामेंटों को भी रोक दिया गया जो खेले जा रहे थे। अब अगर खेले जा रहे टूर्नामेंटों को बीच में रोका जाए तो इसका असर बाजार पर पड़ेगा ही। दुनिया के सबसे लोकप्रिय टूर्नामेंटों में शामिल यूरोपियन फुटबॉल लीग को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। तोक्यो में तीन महीने बाद शुरू होने वाले ओलंपिक पर भी संकट के बादल मंडराने लगे।
वे लिखते हैं कि मसलन, एनबीए (बास्केटबॉल लीग) के टलने, खाली मैदान में खेले जाने या रद्द हो जाने से खेल बाजार को लगभग आठ अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है। अगर इस टूर्नामेंट को टाला गया तो खिलाडिय़ों की सुविधाओं या आयोजन स्थलों पर आयोजकों को ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। वहीं खाली मैैदान पर खेले जाने से टूर्नामेंट के हितधारकों को लगभग 21 फीसद कम मुनाफा होगा। इस एक लीग से ही खेल जगत को कोरोना से होने वाले नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता है। फुटबॉल लीगों की बात करें तो यूरोपीय फुटबॉल संघ अकेले लगभग 2800 मिलियन यूरो की कमाई वाली लीगों का नेतृत्व करता है। वहीं फीफा की कमाई की बात करें तो यह 4.64 अरब डॉलर के करीब है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में भी इनके कुछ सदस्य देश शामिल हैं, जैसे इटली, स्पेन और जर्मनी। इन देशों में होने वाली लीगों कमाई को देखें तो स्पेन में करीब &790 मिलियन यूरो, इटली में 2570 मिलियन यूरो, जर्मनी में &720 मिलियन यूरो और फ्रांस का 19&0 मिलियन यूरो है। इंग्लैंड इसमें सबसे आगे है जिसे इंग्लिश प्रीमियर लीग के सहारे करीब 5940 मिलियन की कमाई होती है। यहां होने वाली लीगों के मुनाफे में सबसे बड़ा हिस्सा मीडिया के अधिकार बेचने का होता है। उसके बाद विज्ञापनों का। मैच देखने प्रशंसक भी बड़ी संख्या में स्टेडियम आते हैं। ऐसे में कोरोना विषाणु संक्रमण के खतरे से बचने के लिए खाली स्टेडियम में मैच कराने का फैसला भी टीम मालिकों को बड़ा नुकसान पहुंचाएगा।


भारतीय खेल जगत को भी बड़ा नुकसान
भारत में क्रिकेट को ही सबसे बड़ा खेल मान लिया गया है। बड़ी संख्या में प्रशंसकों का इस खेल के प्रति जुनून इसका कारण है। और इसी से जुड़ा है पूरा खेल कारोबार। मतलब, अगर प्रशंसक नहीं होंगे तो न तो किसी टूर्नामेंट को प्रायोजक मिलेंगे और न ही उस खेल से संबंधित किसी कारोबार को बढ़ावा। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए फरवरी माह से ही भारत में होने वाले टूर्नामेंटों का रद्द होना शुरू हो गया था। बैडमिंटन से लेकर निशानेबाजी विश्व कप, सभी को टाला गया। लेकिन यह कयास लगाए जा रहे थे कि टी-20 क्रिकेट का हर साल लगने वाला मेला इस साल भी तय कार्यक्रम से आगे बढ़ेगा। हालांकि ऐसा हुआ नहीं और आइपीएल को 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया। फ्रेंचाइजी मालिकों की बैठक में सबने एकसाथ कहा कि हमारे लिए टूर्नामेंट से बढ़कर खिलाडिय़ों और दर्शकों की सुरक्षा है। इसे मान भी लिया जाए तो जो हुआ उसका नुकसान भारतीय खेल बाजार को भुगतना ही पड़ेगा। इंडियन प्रीमियर लीग के रद्द हो जाने से भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड और फ्रेंचाइजियों को लगभग 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। वहीं अगर खाली स्टेडियम में इसका आयोजन होता है तो भी लगभग 15-20 फीसद का नुकसान तो उठाना ही पड़ेगा। करोड़ों खर्च कर स्टार स्पोट्र्स ने बीसीसीआइ से आइपीएल प्रसारण अधिकार प्राप्त किए हैं। हर साल के लिए उसने लगभग 5500 करोड़ रुपए बीसीसीआइ को चुकाए हैं। ऐसे में इस लीग के रद्द होने पर सभी हितधारकों को काफी नुकसान होगा।


ओलंपिक रद्द हुआ तो जापान को झटका
विश्व स्वास्थ्य संस्था द्वारा कोविड-19 को महामारी घोषित करने के बाद भी तोक्यो ओलंपिक के आयोजकों ने इसे तय समय पर कराने को लेकर भरोसा जताया है। लेकिन अगर यह वैश्विक टूर्नामेंट रद्द होता है तो जापान को सीधे तौर पर कई अरब डॉलर का नुकसान होगा। जापान में जुलाई-अगस्त में इस टूर्नामेंट को कराने के लिए स्थानीय प्रशासन लगातार काम कर रहा है। उनके सामने इस मौसम में अत्यधिक गर्मी पडऩा पहले ही परेशानी का सबब है और कोरोना को लेकर अन्य संसाधनों के इंतजाम में उनका बजट बढ़ सकता है। 7.& अरब डॉलर के अनुमानित खर्च राशि को पहले ही उन्होंने दोगुना कर दिया है। अगर ओलंपिक रद्द होता है या आगे बढ़ाया जाता है तो उसके लिए उन्हें और धनराशि खर्च करनी पड़ेगी।


इनपुट: जनसत्ता