वीके सिंह फिर फिर संभालेंगे खेल संचालक का ओहदा

वीके सिंह फिर फिर संभालेंगे खेल संचालक का ओहदा


भोपाल. कमलनाथ सरकार ने आईपीएस वीके सिंह को डीजीपी पद से हटाकर फिर से खेल संचालक बना दिया है. वीके सिंह डीजीपी बनने से पहले भी खेल विभाग का कार्यभार संभाल चुके हैं. वही सिंह की जगह अब 1984 बैच के आईपीएस अफसर Vivek जौहरी डीजीपी बनाए गए हैं हालांकि उनके कार्यभार संभालने में संदेह है क्योंकि जौहरी वर्तमान में केंद्र में बीएसएफ डीजी है. वे सितंबर 2020 तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं. खबरों के मुताबिक जौहरी के आने तक डीजी साइबर सेल राजेंद्र कुमार को डीजीपी का प्रभार दिया गया है. इससे पहले चल रही खबरों के मुताबिक सरकार राजेंद्र कुमार को ही डीजीपी बनाना चाहती बनाना चाहती है इसलिए संभव है कि जौहरी ना लौटे. ऐसे में कुमार ही डीजीपी रहेंगे डीजीपी पद के लिए पैनल में मैथिलीशरण गुप्त. वीके सिंह और वीके जौहरी का नाम था. बाद में राज्य ने केंद्र को कहा था कि वीके जौहरी ने लिखित सहमति नहीं दी है हालांकि इस को केंद्र ने मानने से इनकार कर दिया था.


गौरतलब है कि ब्यावरा में जिलाधिकारी निधि निवेदिता के विवाद के बाद यह चर्चा थी कि कमलनाथ सरकार वीके सिंह को हटाने की तैयारी में है इसके बाद हालांकि मामला संभलते नजर आ रहा था लेकिन प्रदेश सरकार में हालिया हॉर्स ट्रेडिंग घटना के दौरान सूचना तंत्र असफल रहने के कारण वीके सिंह को आखिरकार कमलनाथ सरकार ने हटा दिया.
बता दें कि वीके सिंह ने जनवरी 2019 में पद संभाला था। माना जा रहा है राजगढ़ मामले में आईएएस और आईपीएस में टकराव के बाद उनकी छवि खराब हुई। राजगढ़ जिले के ब्यावरा में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में एक रैली निकाली गई, जिससे जिलाधिकारी निधि निवेदिता ने कथित तौर पर एक सहायक सब इस्पेक्टर को थप्पड़ जड़ दिया था। आइएएस लॉबी ने कलेक्टर का समर्थन किया, लेकिन डीजीपी सिंह ने डीएसपी से जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज करने को कहा था। रिपोर्ट में कलेक्टर को दोषी पाया गया और रिपोर्ट गृह विभाग को भेज दी गई थी। इससे आईएएस अधिकारी नाराज हो गए और वे डीजीपी सिंह को हटाने का दबाव बना रहे थे।