नई दिल्ली। कोरोनावायरस का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन लोग फिर से जिंदगी को पटरी पर लौटाने की कवायद में जुट गए हैं। इसमें खेल जगत भी शामिल है। भारत में तो अभी कोई खेल प्रतियोगिता शुरू नहीं हुई है, लेकिन इंग्लैंड समेत कई देशों में फुटबॉल टूर्नामेंट्स शुरू हो चुके हैं। इंग्लैंड में भी जुलाई से क्रिकेट सीरीज होनी है। इस बीच, कई भारतीय क्रिकेटरों ने भी मैदान पर उतरकर अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी को धार देने की कोशिश शुरू कर दी है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के प्रतिबंध के बाद भारतीय गेंदबाज बॉल पर लार का इस्तेमाल किए बिना बॉलिंग की प्रैक्टिस कर रहे हैं।
इसमें सौराष्ट्र को रणजी ट्रॉफी के इतिहास में पहली बार चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले चेतेश्वर पुजारा का भी नाम शामिल है। भारतीय टेस्ट टीम की रीढ़ कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने करीब 3 महीने बाद नेट पर वापसी की। उनके अलावा सौराष्ट्र की रणजी टीम के कप्तान जयदेवन उनादकट, ऑलराउंडर प्रेरक मांकड़ और अर्पित वसावडा ने भी अभ्यास सत्र में हिस्सा लिया। पुजारा ने उनादकट, बल्लेबाज अर्पित वसावडा और प्रेरक मांकड़ के साथ राजकोट के बाहरी इलाके स्थित अपनी अकादमी में अभ्यास किया। देश के बड़े शहरों की तुलना में राजकोट में कोरोनावायरस का असर कम है। राजकोट में अब तब कोविड-19 के 185 मामले सामने आए हैं। पुजारा की अगली बड़ी परीक्षा दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हो सकती है। उन्होंने सोमवार को सोशल मीडिया में नेट पर प्रैक्टिस करने वाली तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने इसके कैप्शन में लिखा, वापसी कर रहा हूं। पहले लग रहा था कि काफी लंबा समय हो गया, लेकिन जैसे ही बल्लेबाजी अभ्यास के लिए तैयार हुआ, लगा जैसे कल की ही बात हो।
रणजी ट्रॉफी में बंगाल के खिलाफ खेले गए फाइनल में अर्पित वसावडा मैन ऑफ द मैच रहे थे। उन्होंने कहा, हम लगभग 10 दिनों से अभ्यास कर रहे हैं। हम लॉकडाउन के दौरान भी अपनी फिटनेस पर काम कर रहे थे। लेकिन नेट पर अभ्यास का कोई विकल्प नहीं है। यहां पर प्रैक्टिस कर अलग ही फीलिंग आती है। यह बहुत अच्छा लगता है। हम अभ्यास करते समय सभी दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।