टेस्ट क्रिकेट में कोरोना सब्स्टीट्यूट को मिली मंजूरी


नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की वजह से क्रिकेट पर ब्रेक लगा गया है। अब धीरे-धीरे इसे फिर से शुरू करने की कवायद हो रही है। अनिल कुंबले की अध्यक्षता में आईसीसी क्रिकेट समिति की सिफारिश को आईसीसी ने मानते हुए अब कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर टेस्ट मैच के दौरान खिलाड़ी के लिए सब्स्टीट्यूट लाने की इजाजत दे दी है। इसके अलावा गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर अस्थायी बैन को भी मंजूरी दे दी गई। 


खेलने के नए नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने कोरोना महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्रा में लॉजिस्टिक की चुनौतियों का हवाला देते हुए बाइलेटरल सीरीज में स्थानीय अंपायरों को भी मंजूरी दे दी।लाइव हिन्दुस्तान  के अनुसार इसमें एक बयान में कहा कि टेस्ट मैच के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर स्थानापन्न खिलाड़ी को उतारने का विकल्प रहेगा। कन्कशन विकल्प की तरह मैच रैफरी इसके विकल्प को मंजूरी देंगे। इसमें यह भी कहा गया कि यह नियम वनडे या टी20 में लागू नहीं होगा।


अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली क्रिकेट समिति ने ये सुझाव दिए थे ताकि क्रिकेट बहाल होने पर कोरोना महामारी के चलते खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह नियम इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच आठ जुलाई से तीन मैचों की टेस्ट सीरीज से लागू होगा। यह सीरीज दर्शकों के बिना आयोजित होगी। मालूम हो कि मार्च के बाद यह पहली इंटरनेशनल सीरीज खेली जा रही है। इसके साथ ही हर पारी में अतिरिक्त डीआरएस रिव्यू की भी मंजूरी दी गई है। अब हर टीम टेस्ट में हर पारी में तीन रिव्यू और सीमित ओवर क्रिकेट में जो रिव्यू ले सकेगी। यह फैसला इस बात को ध्यान में रखकर किया गया है कि मौजूदा हालात में ऐसे मौके आ सकते हैं जब कम अनुभवी अंपायर सेवा दे रहे हों।