लिस्बन (पुर्तगाल) किंग्सले कोमैन के 59वें मिनट में किए गए गोल की मदद से बायर्न म्यूनिख ने रविवार (23 अगस्त) को यहां चैंपियंस लीग फुटबॉल टूर्नामेंट के दर्शकों के बिना खेले गए पहले फाइनल में पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) को 1-0 से हराकर छठी बार यूरोपीय कप का खिताब जीता। बायर्न की चैंपियंस लीग में यह 2013 के बाद पहली खिताबी जीत है, जबकि पिछले नौ वर्षों में खिलाड़ियों पर एक अरब डॉलर से भी अधिक धनराशि करने के बावजूद पीएसजी को अब भी अपने पहले यूरोपीय कप का इंतजार है।
पीएसजी ने नेमार, काइलिन मबापे और एंजेल डि मारिया पर 50 करोड़ डॉलर से भी अधिक धनराशि खर्च की है और उसकी टीम बायर्न के सामने मजबूत दिख रही है। ये तीनों महंगे खिलाड़ी अग्रिम पंक्ति में कोई जादू नहीं दिखा पाए। दूसरी तरफ पेरिस में जन्में और पीएसजी से अपने करियर की शुरुआत करने वाले विंगर कोमैन ने अपनी इस पूर्व टीम को करारा झटका दिया। 24 वर्षीय कोमैन के आसपास तब पीएसजी का कोई रक्षक नहीं था लेकिन वह जोशुआ किमिच का क्रास लेने के लिये तैयार थे।
कोमैन ने उसे हेडर से गोल में पहुंचाने में कोई गलती नहीं की। यह गोल आखिर में निर्णायक साबित हुआ। यह चैंपियंस लीग में बायर्न म्यूनिख का 43वां गोल था। अपने इस अभियान में बायर्न पहली ऐसी टीम बनी जिसने चैंपियंस लीग के अपने सभी 11 मैच जीते। इसके साथ ही सत्र का समापन भी हो गया। कोरोना वायरस महामारी के कारण हालांकि इसमें तीन महीने की देरी हुई। बायर्न म्यूनिख के लिये यह सत्र शानदार रहा। उसने लगातार आठवीं बार बुंदेसलीगा ट्रॉफी जीती और जर्मन कप भी अपने नाम किया था।