युवराज सिंह के लिए वापसी की राह आसान नहीं 


नई दिल्ली। पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह अपने संन्यास से बाहर आने के लिए तैयार हो गए हैं। पंजाब के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने के उद्देश्य से उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली को इसकी मंजूरी के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि वह पंजाब टीम के खिलाड़ी और मेंटर की तरह रहना चाहते है। इस साल के शुरू में युवराज पंजाब के कई युवा खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिंग कैंप में जुड़े थे। इनमें शुभमन गिल और अमोलप्रीत सिंह शामिल थे। 


युवराज सिंह वापसी के लिए तैयार हैं, लेकिन अंतिम निर्णय बीसीसीआई के हाथ में है। बीसीसीआई के नियमानुसार, ऐसा लगता है कि युवराज सिंह को पंजाब के लिए दोबारा खेलने की इजाजत नहीं मिल सकती है। फिलहाल वह बीसीसीआई की लिस्ट में रिटायर खिलाड़ियों में दर्ज हैं। वह एक मुश्त मिलने वाले लाभ को भी ले चुके हैं और 22500 रुपए प्रति माह की पेंशन भी ले रहे हैं।लाइव हिन्दुस्तान टीम के अनुसार युवराज सिंह जैसे सीनियर खिलाड़ियों का युवाओं के साथ समय बिताना अच्छी बात है। युवाओं को इससे लाभ होगा, लेकिन बीसीसीआई को यह देखना होगा। युवराज ने 2019 में रिटायरमेंट लिया था। रिटायरमेंट के बाद युवराज टोरंटो नेशनल ग्लोबल टी-20 कनाडा और मराठा अरबियंस की टी-10 लीग में खेल चुके हैं। 


बीसीसीआई नियमों के अनुसार, यदि कोई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, घरेलू क्रिकेट और आईपीएल से रिटायर हो चुका है तो उसे घरेलू क्रिकेट में लौटने के लिए बोर्ड से एनओसी लेना होगा। भले ही सौरव गांगुली भी युवराज सिंह को वापस लाना चाहते हों, लेकिन नियमों के मुताबिक ऐसा करना मुश्किल होगा। इस साल बीसीसीआई ने प्रवीण तांबे को भी आईपीएल खेलने से रोक दिया था, क्योंकि वह 2018 में टी-10 लीग खेल चुके थे। 48 वर्षीय प्रवीण तांबे को आईपीएल 2020 ऑक्शन में कोलकाता नाइट राइडर्स ने उनके आधार मूल्य 20 लाख रुपये में खरीदा था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नियमों के अनुसार किसी भी खिलाड़ी को दूसरे देश में घरेलू टी-20 लीग खेलने की अनुमति तभी मिलती है, जब वह इंडियन प्रीमियर लीग समेत सभी तरह के घरेलू क्रिकेट से संन्यास ले लेता है।