मल्लखम्ब खिलाड़ियों को उनकी दक्षता के अनुरूप मिलेगा खेलों में प्रतिभा प्रदर्शन का अवसर-खेल मंत्री

जूनियर बालक वर्ग में उज्जैन प्रथम, शाजापुर द्वितीय और भोपाल जिला तृतीय स्थान पर रहा भोपाल। टी.टी. नगर स्टेडियम स्थित मार्शल आर्ट हाल में आज से तीन दिवसीय राज्य स्तरीय मल्लखम्ब प्रतियोगिता की शुरूआत हुई। प्रतियोगिता के पहले दिन जूनियर बालक वर्ग में पोल मल्लखम्ब, रोप एवं हेंगिग मल्लखम्ब टीम इवेन्ट में मुकाबले खेले गए। इनमें उज्जैन जिला प्रथम स्थान पर रहा जबकि शाजापुर जिले ने द्वितीय और भोपाल जिले ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता के अंतर्गत बुधवार को बालक एवं बालिका सीनियर वर्ग में टीम एवं व्यक्तिगत मुकाबले खेले जाएंगे। प्रदेश की खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया आज टी.टी. नगर स्टेडियम पहुंची जहां उन्होंने मार्शल आर्ट हाॅल में चल रही राज्य स्तरीय मल्लखम्ब प्रतियोगिता में खिलाड़ियों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन को देखा और सराहा। उन्होंने प्रदेश भर से आए खिलाड़ी बच्चों को प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए शुभकामनाएं दी। इससे पूर्व उन्होंने खिलाड़ियों, प्रशिक्षको एंव तकनीकी निर्णायकों से परिचय प्राप्त किया। इस अवसर पर संचालक खेल और युवा कल्याण पवन जैन, संयुक्त संचालक डाॅ. विनोद प्रधान एवं बी.एस. यादव सहित विभागीय अधिकारी एवं द्रोणाचार्य अवार्डी मल्लखम्ब योगेश मालवीय सहित अन्य प्रशिक्षक और बड़ी संख्या में खिलाड़ी मौजूद थे।
विश्वविद्यालयीन प्रतियोगिता में मल्लखम्ब का देश में प्रथम स्थान खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि मल्लखम्ब खेल भारत का गौरवशाली और प्रदेश का राज्य खेल है। उन्होंने कहा कि मल्लखम्ब खेल खिलाड़ी के शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक है। विश्वविद्यालयीन प्रतियोगिता में मल्लखम्ब देश में पहले स्थान पर है जिसे अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। खेल मंत्री ने कहा कि मल्लखम्ब खिलाड़ियों को वाटर स्पोट्र्स, शूटिंग, मार्शल आर्ट सहित विभिन्न खेल अकादमी का भ्रमण कराकर उन्हें उनकी शारीरिक दक्षता के अनुसार संबंधित खेलों में प्रतिभा प्रदर्शन का अवसर दिलाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मल्लखम्ब खेल से खिलाड़ी शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होते हैं। साथ ही उनमें शारीरिक संतुलन एवं एकाग्रता का विकास होता है जो वाटर स्पोट्र्स एवं शूटिंग खेल के लिए आवश्यक है। इसी तरह मार्शल आर्ट खेलों में मल्लखम्ब खिलाड़ी अपनी ऊर्जा, चपलता और शक्ति का बेहतर उपयोग कर सकते हैं।